Friday, December 19, 2008

मेरी उम्मीदों का जहाँ अभी और भी है!

मेरी उम्मीदों का जहाँ अभी और भी है,
मेरी ख्वाहिशों की दिशा अभी और भी है..

लाख रोदें बिछा दे मेरी मंजिलों मैं तू चाहे,
मेरे मन मैं हिम्मत और हौसला अभी और भी है..


रूठा हुआ सा मन, कल भले ही था मगर,
आज आशा की किरण नज़र आई मुझे ज़रा सी है...

तू रहे मेरे साथ या दूर हो जाये,
ज़िन्दगी के सफ़र में मेरे रहनुमा अभी और भी है...

अकेले भले ही हु मैं आज, पर कायर नहीं हु,
सपने आज नहीं तो कल पूरे हो ही जायेंगे..

हौसला-अफजाही भले ही न करो तुम,
हमे कदरदान लाखो मिल ही जायेंगे..

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